बडा सांभर
बडा सांभर
मैं आज अपने कॉलेज के आस - पास से 523 नंबर बस पकड़ के आरके पुरम सेक्टर 1 बस स्टॉप पे भरी चिलताचिलता धूप में गाया l यू ही आज घूमने निकला, चुकी कॉलेज की आज छुट्टी थी l मैं अक्सर आरके पुरम आते रहता हूं, आने जाने का टेंशन नहीं रहता है क्यों की बस पास बनवा रखा है तो कभी भी कहीं भी आ- जा सकता हूं, और कॉलेज का असाइनमेंट भी करना था, तो उसी के चक्कर में घूम भी रहा था l आरके पुरम बस स्टैंड में खाने की बहुत दुकाने हैं l ठीक- ठाक पैसा में अच्छा खाना, नस्ता खिला देता है यही की आप की बजट 50 से 100 के बीच में होनी चहिए l सभी तरह के फूड जैसे, चाइनीज आइटम्स, साउथ इंडियन फूड, राजमा चावल, कड़ी चावल, समोसा, ब्रेड पकोड़ा l
अमूमन मैं चावल, राजमा, कढ़ी- चावल ये सब मेरे पसंदीदा भोजन में है, वैसे मैं बिहार से आता हूं तो खाने में चावल मेरा पसंदीदा है, ये सब खाते ही रहता हूं, अक्सर मैं ये सब खुद से ही बना के खा लेता हूं l लेकिन आज बात कुछ और ही है l जब मैं वहां पहुंचा तो क़रीब 2 बज रहे थे , सुबह से कुछ खाया भी नहीं था, यहां के लजीज़ व्यंजन के बारे में काफ़ी कुछ सुन रखा था l आज मौका मिला खाने का, महीना का पहला हप्ता भी था, खाने के लिए पैसों की दिक्कत नहीं थी l वैसे मैं ने पहले ही बता दिया की मैं यहां लगभग आते जाते रहता हूं , तो अक्सर मैं रेकी किया करता की खाने के लिए में क्या क्या सस्ता में मिलता है l चुकी मैं निम्न मध्यम वर्ग परिवार से ताल्लुकात रखता हूं तो कुछ भी खाने पीने से पहले बहुत सोच समझ कर बाहर का खाना पड़ता है l वैसे भी हम लोग अक्सर विंडो शॉपिंग करते, आखिर ये नया शब्द विंडो शॉपिंग क्या बला है तो, ( इस प्रकार की शॉपिंग में हम अक्सर, रेट लिस्ट देखते है, कोई मिठाई को बाहर से ही देख कर खुश हो लेते हैं, कोई भी समान जो उस समय हमारे बूते की नहीं होती है, बाहर से देखे के मन को संतुष्ट कर आगे बढ़ जाते हैं) , तो विंडो शॉपिंग बहुत दिन किया था l आज कुछ खाने का मन किया की कुछ नया खाया जाए, और हम अक्सर ऐसा करते हैं की जो हमारे बजट में हो तो बाहर कुछ नया आइटम्स खाया जाए, खैर मैं ने बहुत सोचने के बाद साउथ इंडियन डिस, (बडा -सांभर) का ऑर्डर दिया, यही कुछ ₹70 लिए l दो गोल गोल सा दिखने वाला पदार्थ बडा और सब्जी , ग्रेवी ( रस) के रूप में दिखने वाला सांभर दिया ,यही हो गया ( बडा सांभर) पहली बार खा रहे थे l बहुत मजा आया l चुकी खाने के लिए कटोरी में दिया था तो एक बार जल्दी जल्दी खाने के बाद सब्जी (सांभर)के लिए गया l वैसे हमलोग को या हमारी आदत है की उतना ही पैसे में जितना सब्जी, चटनी, या जो मिल रहा है ज्यादा से ज्यादा खाने में ले, वहां सांभर मिल रहा था एक दो बार लिया, मन में भाव आ रहा था कि चलो कुछ तो पैसा वसूल हुआ l जीवन में पहली बार बडा सांभर खा रहा था सोचा की फ़ोटो -विडियो बनाया जाए l कुछ यादगार बनाया जाए l वैसे खाने में बहुत मज़ा आया l कॉलेज का असाइनमेंट भी बनाना था, एक स्टोरी भी लिखनी थी, सोचा की इसी को स्टोरी में बदला जाए आप लोगों को कैसा लगा पढ़ के अपना राय कॉमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं l
धन्यवाद मित्र l
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